जिम सरंचालक को कार से अगवा कर मारपीट का आरोप
बंधक बनाकर करोड़ों की जमीन करा ली अपने नाम , 30 के खिलाफ केस दर्ज
आगरा। आरोपी, जिम संचालक को कार में अगवा कर ले गए। इसके बाद फ्लैट में बंधक बनाकर करोड़ो की ज़मीन अपने नाम करा ली। छूटने पर पीड़ित जिम संचालक मनोज शर्मा ने नई आगरा थाना में केस दर्ज कराया है। उन्होंने मुकदमे में युवा अधिवक्ता सुनील शर्मा, मंडल अध्यक्ष नितिन वर्मा सहित 5 नामजद और 25-30 अज्ञात को आरोपी बनाया है। पुलिस ने विवेचना शुरू कर दी है।
अमर बाटिका, केके नगर निवासी मनोज कुमार शर्मा ने पुलिस को बताया कि 3 जनबरी को वो दीवानी आए थे। तभी अधिवक्ता सुनील शर्मा, उमेश शर्मा, नितिन वर्मा और अन्य 25-30 अज्ञात लोग मिले। लोगों ने घेरकर मारपीट की।अपहरण कर लिया। सुनील शर्मा को कार में डालकर लॉयर्स कॉलोनी में तीन मंज़िला फ़्लैट में ले गए। आरोपियों ने मारपीट की। उमेश जोशी ने रिवॉल्वर लगा दी। गले में बिजली का तार डालकर गला घोंटने लगे। उसी समय दस्तावेज लेखक राम उपाध्याय व उसका बेटा ब अन्य लोग आ गए | उनके पास एक लिखित स्टांप पेपर था।इस पर उनका फोटो विक्रेता के रूप में लगा था। उन्होंने रिव्राल्वर से जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद कागजों पर हस्ताक्षर और अंगूठा लगवा लिया । अपराह्न 3:30 बजे तक बंधक बनाकर रखा। दस्तावेज लेखक पिता-पुत्र स्टांप और कागजात लेकर चले गए।
डेढ़ घंटे बाद दोबारा आए कुछ स्टांप पर उनके और सुनील शर्मा के फोटो लगे थे जबरदस्ती हस्ताक्षर करा लिए फोन भी छीन लिया था दो लोग दीवानी छोड़ गए।
मनोज ने आरोप लगाया कि कूट रचित दस्तावेज तैयार करके उनकी भावना स्टेट के पास स्थित 1107 वर्ग गज जमीन अपने नाम कर ली गई है।
डीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि मुकदमा वलवा, मारपीट, अपहरण, जान से मारने की धमकी, बंधक बनाने, कूट रचित दस्तावेज तैयार करने और आपराधिक षडयंत्र की धारा में दर्ज किया गया है। इसमें सुनील शर्मा, उमेश शर्मा नितिन,वर्मा राम उपाध्याय व उसका बेटा और 20 से 25 लोग अज्ञात आरोपी हैं। पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर जांच की थी घटनास्थल के आसपास की सीसीटीवी फुटेज देख गए। कुछ साक्ष्य मिले हैं। इसके आधार पर ही मुकदमा दर्ज किया गया है विवेचना की जा रही है।
मुकदमे में नामजद युवा अधिवक्ता संघ के संरक्षक सुनील शर्मा का कहना है की मनोज शर्मा ने उनसे 1106 वर्ग गज जमीन खरीदी थी इसके 3.58 करोड रुपए शेष है उनके पास चेक, एग्रीमेंट और लिखित दस्तावेज भी है मनोज ने रुपए न दे पाने पर खुद ही वापसी बैनामा कराया था जो अब तक रजिस्टर नहीं हुआ है आरोप निराधार है संपत्ति मनोज शर्मा ने किसी दूसरे के लिए खरीदी थी बेनामी बनाने के लिए मनोज दूसरों के लिए काम करता है उन्होंने पुलिस आयुक्त को प्रार्थना पत्र दिया है।