बुजुर्ग महिला की करोड़ों की जमीन पर कब्जा, झूठे मुकदमों में फंसाकर घरवालों को भेजा जेल, फिर किया रातों-रात जमीन पर कब्जा
An elderly woman's land worth crores was captured, her family members were sent to jail by implicating them in false cases, then the land was captured overnight
आगरा। जगदीशपुरा क्षेत्र में बैनारा फैक्ट्री के पास एक बुजुर्ग महिला की वेश कीमती जमीन पर भू माफिया ने कब्जा कर लिया। जगदीशपुरा थाना के पुलिस अधिकारी भी संलिप्त थे। झूठे मुकदमों में फंसाकर घर वालों को जेल भेज दिया फिर भू माफियाओं को पुलिस वालों ने करवाया रातों-रात कब्जा। बताया गया की कब्जे का ठेका पुलिस वालों ने भू- माफियाओं से लिया था। जब कब्जे की शिकायत प्रदेश के डीजीपी तक पहुंची तो पूरे पुलिस डिपार्टमेंट में खली बली मच गई। एसओ समेत चार पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित कर दिया।
उपरोक्त मामले में आज रविवार को पुलिस कमिश्नर डॉक्टर प्रीतिंदर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि तत्कालीन अशोक जितेंद्र कुमार, बिल्डर कमल चौधरी, धीरू चौधरी और अन्य 12 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है इसके साथ ही जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है उन्होंने बताया की धोखाधड़ी से संबंधित आरोपियों को बिल्कुल भी बक्शा नहीं जाएगा।
यह था सारा मामला
बोदला रोड निवासी उमा नाम की एक बुजुर्ग महिला ने डीजीपी से शिकायत की है उसका जगदीशपुर थाना क्षेत्र में बैनारा फैक्ट्री के पास चार बीघा वेश कीमती जमीन है । जिस पर भूमाफियाओं की नजर काफी समय से चल रही थी। वह जमीन उनके ससुर सरदार टहल सिंह के नाम से खसरा खतौनी में चार बीघा जमीन है टहल सिंह और उमा के पति सरदार जसवीर सिंह की मृत्यु पहले हो चुकी है उनकी मृत्यु के बाद से जमीन पर उमा का हक था। देखने के लिए सरदार टहल सिंह ने रवि कुशवाहा और शंकरलाल कुशवाहा को रख दिया था। दोनों के परिवार के लोग करीब 35 वर्ष से इस जमीन पर रह रहे हैं । उन्होंने बताया कि रवि की पत्नी पूनम और रवि की बहन पुष्पा भी वहां रहती थी।
पड़ोस के युवक से उनका अक्सर झगड़ा हुआ करता था वह युवक कुछ नामी लोगों के साथ मिलकर जमीन पर कब्जे की फिराक में था । जमीन पर कब्जा दिलवाने के लिए उन लोगों ने पुलिस का सहारा लिया। पुलिस थाना जगदीशपूरा के कुछ पुलिस अधिकारियों ने भू माफिया से जमीन पर कब्जा दिलवाने का ठेका ले लिया।
उमा देवी ने आरोप लगाया कि थाना जगदीशपुर पुलिस भी इस खेल में शामिल हो गई और साजिश भी रची गई। साजिश के तहत पुलिस ने रवि कुशवाहा और शंकर लाल और जटपुरा निवासी ओम प्रकाश को 26 अगस्त 2023 को एनडीपीएस एक्ट के मुकदमे में पकड़ा। तीनों के पास से एक वाहन भी बरामद दिखाया गया जिसकी नंबर प्लेट पुलिस ने फर्जी बताई और तीन पैकेट से 9 किलोग्राम गांजा बरामद दर्शाया गया। कुल्फी बेचने वाले गरीब को ड्रग डीलर बनाकर जेल भेज दिया गया।
रवि को जेल भेजे जाने के बाद उसकी पत्नी पूनम ने अपर पुलिस आयुक्त केशव चौधरी के आफिस में गुहार लगाई थी। उसने बताया कि जमीन खाली न करने पर जेल भेजने की धमकियां मिल रही थीं। इसके पांच दिन बाद ही पुलिस ने पूनम और उसकी ननद पुष्पा को अवैध शराब बेचने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया । जमीन पर 9 अक्टूबर को आबकारी विभाग निरीक्षक ने छापा मारा और मौके पर नकली शराब की बोतल पकड़ी दिखाई गई। रवि और शंकरलाल को पुलिस पहले ही जेल भेज चुकी थी इसलिए नकली शराब के मुकदमे में मौके पर रह रही पूनम और उसकी नंद पुष्पा को पकड़ लिया और जगदीशपुरा थाने में आबकारी अधिनियम के तहत पुलिस ने मुकदमा लिख लिया और तो और धोखाधड़ी की धाराएं भी लगे। अब जगह खाली हो गई उसके बाद जो लोग बचे उन लोगों को भी जेल भेजने का डर दिखाकर उनका मुंह बंद करवा दिया गया।
रातों-रात पुलिस ने वहां भू माफिया को कब्जा दिलवा दिया और तुरंत रातों-रात बान्ड्री बनवाने का काम शुरू हो गया। वहां पर सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए और दो सिक्योरिटी गार्ड भी तैनात कर दिए गए। भूमाफियाओं ने उस जमीन पर अब प्लॉट काटने का काम भी शुरू कर दिया।
पीड़ित बुजुर्ग उमा ने प्रदेश के डीजीपी से शिकायत की। शिकायत पर डीजीपी ऑफिस से जांच के लिए एक सीओ स्तर के अधिकारी वहा मौके पर आए और आसपास के लोगों का बयान लेने के बाद भी इस खेल में शामिल पुलिस कर्मियों पर कोई कार्यवाही ही नहीं की गई।
शुक्रवार की सुबह जब अखबारों में इस बात का सवाल उठा तो स्थानीय अधिकारी सक्रिय हो गये। पुलिस कमिश्नर डॉक्टर प्रीतिंदर सिंह ने डीसीपी सिटी से तुरंत रिपोर्ट ली। डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने अपनी रिपोर्ट में एसओ जगदीशपुरा जितेंद्र कुमार, मुख्य आरक्षी उपेंद्र मिश्रा, शिवराज सिंह व आरक्षित रविकांत व एस आई विकास कुमार को दोषी बताया। उन्होंने इस अपराध में इन सभी की भूमिका को संदिग्ध माना । उन्होंने यह भी बताया की जमीन पर कब्जा करने में पुलिसकर्मियों की संलिप्त से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस कमिश्नर ने एसओ और टीम में शामिल हेड कांस्टेबल को निलंबित कर दिया। एसओ विकास कुमार इस समय सहारनपुर में तैनात है उनके निलंबन के लिए वहां रिपोर्ट भेज दी गई है । विभागयी जांच एसीपी हरी पर्वत को दे दी गई है। इसके साथ ही आबकारी अधिनियम के तहत मुकदमा लिखने वाले आबकारी विभाग के अधिकारियों के खिलाफ भी कार्यवाही के लिए रिपोर्ट भेज दी गई है