घूस लेते पकड़े गए कर्मचारी ने खोला राज्य जीएसटी सहायक आयुक्त का नाम

जयपुर हाउस स्थित जीएसटी कार्यालय में तैनात सहायक आयुक्त के निजी कर्मचारी को शुक्रवार को एंटी करप्शन टीम ने 5 हजार रूपये रिश्वत लेते हुए पकड़ा

Jan 21, 2024 - 19:21
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घूस लेते पकड़े गए कर्मचारी ने खोला राज्य जीएसटी सहायक आयुक्त का नाम

घूस लेते पकड़े गए कर्मचारी ने खोला राज्य जीएसटी सहायक आयुक्त का नाम

Employee caught taking bribe reveals name of State GST Assistant Commissioner

आगरा। जयपुर हाउस स्थित जीएसटी कार्यालय में तैनात सहायक आयुक्त के निजी कर्मचारी को शुक्रवार को एंटी करप्शन टीम ने 5 हजार रूपये रिश्वत लेते हुए पकड़ा था। शनिवार को मेरठ कोर्ट में पेशगी के दौरान उसने बयान दिया कि असिस्टेंट कमिश्नर की कहने पर करता था निजी और सरकारी काम। रिश्वत के पैसे उनके पत्नी और अन्य परिजनों के खाते में जमा किया करता था।

एंटी करप्शन टीम ने शुक्रवार को जयपुर हाउस स्थित जीएसटी के कार्यालय में सहायक आयुक्त के निजी कर्मचारी मनीष कुमार को रंगे हाथ घुस लेते हुए पकड़ लिया। शनिवार को उसे मेरठ कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसको जेल भेज दिया गया। उसने बयान में बताया कि वह सहायक आयुक्त के कहने पर काम करता था। इसकी आड़ में वह व्यापारियों से वसूली भी कर रहा था। आरोपी ने बताया कि वह 3 वर्ष से सहायक आयुक्त के कार्यालय में काम कर रहा है। उन्हीं के कहने पर निजी व सरकारी कार्यकर्ता था। उनके लिए रिश्वत भी लेता था। जो रिश्वत की रकम वसूल होती थी वह सहायक आयुक्त प्रवेश कुमार को दे देता था। कमीशन के रूप में आरोपी को ₹500 से ₹1000 मिलते थे। एंटी करप्शन टीम के इंस्पेक्टर संजय यादव ने बताया कि मनीष व्यापारियों से नगद रिश्वत लेता था और सहायक आयुक्त की पत्नी व उनके अन्य परिजनों के खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर कर देता था इसके साक्ष्य एकत्रित किए जा रहे हैं। 

जानकारी के मुताबिक शमशाबाद रोड के पास कहरई में रहने वाले अमरचंद वर्मा का जीएसटी नंबर निरस्त कर दिया गया था। उन्होंने अपने वकील के माध्यम से रेवोकेशन के लिए अप्लाई किया था। उन्होंने बताया कि आरोपी मनीष कुमार ने राज्य कर विभाग के कार्यालय के कई चक्कर कटवाए पर उनका काम नहीं किया। तब जाकर राज्य कर विभाग के सहायक आयुक्त प्रवेश कुमार से मिला तब उन्होंने कहा की जीएसटी रजिस्ट्रेशन रेवोकेशन के लिए ₹5000 का खर्चा आएगा आप वह पैसे मनीष कुमार को दे दो आपका काम हो जाएगा। 

इस पर परेशान होकर अमरचंद वर्मा ने एंटी करप्शन टीम से शिकायत की। टीम ने जांच पड़ताल के बाद जयपुर हाउस स्थित राज्य कर विभाग को ट्रैप किया। अमरचंद वर्मा एंटी करप्शन टीम के निर्देशानुसार असिस्टेंट कमिश्नर के पास गए उन्होंने रिश्वत की रकम अपने निजी कर्मचारी मनीष कुमार को देने के लिए कहा। जैसे ही अमरचंद वर्मा ने मनीष कुमार को रिश्वत की रकम दी एंटी करप्शन ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। राज्य कर विभाग में अफरा-तफरी मच गई। वहां मौजूद सारे निजी कर्मचारी भाग खड़े हुए। 

एंटी करप्शन टीम के इंस्पेक्टर संजय यादव ने बताया कि मनीष व्यापारियों से नगद रिश्वत लेता था और सहायक आयुक्त की पत्नी व उनके अन्य परिजनों के खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर कर देता था इसके साक्ष्य एकत्रित किए जा रहे हैं। 

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