पत्नी की मौत के बाद पति ने भी छोड़ा संसार, जली एकसाथ चिताएं
After wife's death, husband also left this world
AgraVoice, 07/02/2024
आगरा शहर में पत्नी की मौत के गम में पति ने भी तोड़ दिया दम । मंगलवार को फतेहाबाद के जनेश्वर घाट पर दोनों की चिताओं का अंतिम संस्कार एक साथ किया गया। फतेहाबाद क्षेत्र के अंबेडकर मोहल्ले में कमलेश उम्र 58 साल की शादी 40 साल पहले गंगाराम का नगला में रहने वाले काशीराम उम्र 65 साल के साथ हुई थी। मंगलवार को अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने के कारण मौत हो गई। उनकी मौत की खबर से गंगाराम को गहरा सदमा पहुंचा जिसके गम में 12 घंटे बाद गंगाराम ने भी दम तोड़ दिया।
पूछताछ में लोगों ने बताया की गंगाराम और उनकी पत्नी कमलेश अक्सर एक साथ दुनिया छोड़ने की बात कहते थे दोनों में एक अलग ही तरह का प्रेम था आज उनकी यह बात सच साबित हो गई| लोगों ने बताया की कमलेश रोजाना की तरह सोमवार को घर के काम निपट रही थी तभी सुबह करीब 10:00 बजे कमलेश को हृदय घाट हुआ और उनकी मौत हो गई कमलेश का एक भाई भी है जो देहरादून में नौकरी करता है घर के लोग अंतिम संस्कार के लिए उसी का इंतजार कर रहे थे कमलेश की मौत का गम काशीराम सहन नहीं कर पाए और सोमवार की रात 10:00 बजे उनकी भी हार्ट अटैक की से मृत्यु हो गई।
पूरे गांव में यह चर्चा का विषय बना हुआ है लोगों को कहना है कि जहां पत्नी की मौत हुई वही पति ने 12 घंटे के अंदर दम तोड़ दिया। परिजनों ने दोनों का अंतिम संस्कार भी एक साथ किया। ग्रामीणों ने बताया की दोनों की एक साथ मौत हमेशा इस गांव के लिए यादगार रहेगी।
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अवैध जमीन प्रकरण के आरोपी बिल्डर कमल चौधरी और बेटा भगोड़े घोषित
आगरा | जगदीशपुरा क्षेत्र में करोड़ों की जमीन पर कब्जे के मामले में फरार बिल्डर कमल चौधरी और उनके पुत्र धीरू चौधरी भगोड़े घोषित कर दिए गए हैं। पुलिस को कोर्ट से दोनों की कुर्की पूर्व उद्धोषणा का अदेश मिल गया। जिसके बाद पुलिस ने उनके घर पर आदेश की कॉपी चस्पा की और मुनादी भी कराई। अगर, आरोपी हाजिर नहीं हुए तो पुलिस चल-अचल संपत्ति की कुर्की के लिए कोर्ट जाएगी। इस बीच मंगलबार को सोशल मीडिया पर यह खबर तेजी से वायरल हुई कि कमल चौधरी और उनके पुत्र धीरू को उच्च न्यायालय से राहत मिल गई है, रात्रि तक इस बारे में कोई आधिकारिक आदेश सामने नहीं आया। बोदला में करोड़ों की जमीन पर कब्जे और फर्जी मुकदमे दर्ज कर निर्दोष परिवार को जेल भेजने के मामले में फरार बिल्डर कमल चौधरी और उनके बेटे पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित है। पुलिस ने आगरा सहित आसपास के जिलों में दबिश दी, लेकिन दोनों हाथ नहीं आ सके। डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया के विवेचक आनंद बीर सिंह ने कोर्ट में सीआरपीसी की धारा 82 के आदेश के लिए कोर्ट में प्रार्थनापत्र दिया था। सोमवार को आदेश मिल गया। इससे बिल्डर पिता-पुत्र भगोड़े घोषित कर दिए गए। मंगलवार को उनके घर पर ढोल पिटवाकर मुनादी कराई गई। धारा 82 का नोटिस चस्पा किया गया। अगर, एक समयावधि में आरोपी कोर्ट में हाजिर नहीं हुए तो सीआरपीसी की धारा 83 के आदेश के लिए प्रार्थनापत्र दिया जाएगा। आदेश मिलने पर संपत्ति को कुर्क किया जाएगा।
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आगरा में न बने और न बिके सिंगल यूज़ प्लास्टिक
नगर निगम के साथ आगरा व्यापार मंडल की बैठक में लिया गया निर्णय, बताया कि कौन सी प्लास्टिक बिक सकती है
आगरा। मंगलवार को आगरा व्यापर मंडल के द्वारा नगर निगम में नगर आयुक्त व अपर नगर आयुक्त महोदय के साथ प्लास्टिक एसोसिएशन की बैठक रखी गयी थी। जिसमें प्लास्टिक ट्रेडर्स और मैन्यूफैक़र भी उपस्थित रहे। बैठक में व्यापारियों द्वारा नगर आयुक्त को साफ साफ बता दिया कि बो ना तो सिंगल यूज प्लास्टिक के विक्रेता है ना ही उसके उत्पादक। वह लोग है जो प्रतिबंधित प्लास्टिक आइटम है उसके लिये उन्होंने लोगों को जागरूक करने के लिये नगर आयुक्त महोंदय को सीडी बनवाकर दी कि क्या प्रतिबंधित हैं क्या उसकी जगह चलेगा। शहर में नगर निगम के द्वारा लगवाई गईं एलईडीयों में यह स्लाइड काफी महीने चलीं। अध्यक्ष टी एन अग्रवाल ने बताया कि मल्टीनेशनल कंपनियां मोल में सामान तो कपड़े से बने थेलो में देते हैं पर उसमें वही प्लास्टिक से निर्मित आइटम होते हैं | अमूल दूध की लाखों थैली रोजना आती है। तेल के पाऊच, दालें बगैरह सब प्लास्टिक में आता है। उन पर भी प्रतिबंध लगाया जाये। मीडिया प्रभारी जय पुरसनानी ने कहा की अभी तक जो प्रतिबंधित 18 आइटम है नगर निगम के द्वारा चलाये जा रहे अभियान में जाने वाले अधिकारी से लेकर कर्मचारियों को जानकारी होनी चाहिए| कि क्या बैन है क्या बिक सकता है। अभियान वालों का ध्यान केवल प्लास्टिक से निर्मित कैरी बैग पर होता है बाकी 17 आइटम पर कुछ नहीं किया जाता हैं।
योगेश रखवानी ने बताया कि नगर निगम के साथ बैठक में सारे प्रतिबंधित आइटमों की लिस्ट बनाकर उनकी सीडी नगर निगम को दी जो लोगों को जानकारी दी जा रही है कि क्या बैन है क्या बिक सकता है। कमल मंगवानी ने स्टार्च से निर्मित थैली को दिखलाया जो कि पानी भुट्टे के दानों के आटे से बनीं हैं पानी में जाते ही घुल जायेंगी। इसको आसानी से चला सकते है और यह सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है। अशोक मंगबानी जी प्लास्टिक एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि कम से कम 120 माइक्रोन या उससे ऊपर की कैरी बैग को सरकार द्वारा मान्यता मिली है और यह बहुत मजबूत भी है, लोग इसको कईयों बार आसानी से इस्तेमाल कर सकते है। उसके बाद भी जैसा निर्णय प्रशासन और नगर निगम लेगा हम लोग आपके साथ हैं। आगरा व्यापार मंडल अभियान के माध्यम से लोगों को जागरूक करेंगी कि सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल ना करें शहर को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिये सहयोग देंगे। बैठक में नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल व अपर नगर आयुक्त सुरैंदर प्रसाद यादव, सहायक आयुक्त पंकज भूषण, टी एन अग्रवाल, जय पुरसनानी, अशोक मंगवानी, कन्हैया लाल राठौड़, बोगेश रखबानी,
अंकित वर्मा, सुमित पटेल, कमल मंगबानी, अखिल मंगवानी, सुशील नोतनानी, राकेश बंसल, राजीव गुप्ता, अशोक गोकान, पंकज अग्रवाल, दिलीप धीरमलानी, नरेश धीरमलानी, रमेश गुरवानी, ललित गैलानी, राम भाई, रितेश बतरा, रमेश कालरा, गौरब गुप्ता, नवदीप अग्रवाल, टीम पापा के मनोज शर्मा आदि मौजूद थे।