शिलान्यास समारोह के दूसरे दिन शुभमन्त्रों से गूंजा जैन तीर्थ स्थल

लोकोदय तीर्थक्षेत्र पर हुआ सात दिवसीय 24 समवशरण श्री कल्पद्रुम महामन्डल विधान का दूसरा दिन

Jan 2, 2024 - 23:58
Jan 3, 2024 - 00:00
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शिलान्यास समारोह के दूसरे दिन शुभमन्त्रों  से गूंजा जैन तीर्थ स्थल

आगरा। आगरा मथुरा नेशनल हाईवे स्थित अन्तर्राष्ट्रीय लोकोदय तीर्थक्षेत्र की भूमि पर 1 जनवरी से सात दिवसीय 24 समवशरण श्री कल्पद्रुम महामन्डल विधान का आयोजन चल रहा है| जहां विधान के दूसरे दिन 2 जनवरी को भक्तों ने निर्यापक मुनिपुंगव श्री सुधासागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य एवं बाल ब्रह्मचारी प्रदीप भैया जी सुयश के कुशल निर्देशन में भक्तों ने सर्वप्रथम सभी प्रतिमाओं का अभिषेक एवं वृहद शांतिधारा संपन्न की। इस दौरान पूरा प्रांगण शुभमंत्रों से गुंजायमान था।

प्रभु के अभिषेक और शांतिधारा करने के बाद भक्तों ने मुनिवर का पाद प्रक्षालन कर अपने कर्मों की निर्जरा की। इसके बाद बाल ब्रह्ममचारी प्रदीप भैया जी सुयश के कुशल निर्देशन में सभी इंद्र-इंद्राणियों ने विधान के दूसरे दिन विनय पाठ, पूजा पीठिका,नव देवता पूजा के पश्चात ध्वज भूमि,कल्पभूमि एवं भवनभूमि पूजा के अंतर्गत विधान मंडल पर अष्टद्रव्य,श्रीफल युक्त शताधिक अर्घ्य समर्पित कर मांगलिक क्रियाएं संपन्न कीं|

विधान के मध्य में मुनिवर ने लोकोदय तीर्थ के भूमि पर अपनी दिव्य देशना को संबोधित करते हुए कहा कि जब प्रकाश की तीव्रता इतनी बढ़ जाये कि प्रकाश के अलावा दुनिया मे कुछ दिखे ही न जब केवल ज्ञान भगवान को होता है| उस समय भगवान को ज्ञान के अलावा कुछ दिखता ही नही। मत समझो कि तुम पतित हो,पतित ही रहोगे, एक क्षण ऐसा आएगा निकृष्ट से निकृष्ट, सर्वोत्कृष्ट पावन बन जायेगा और ये भी मत समझो कि तुम बहुत अच्छे हो, एक क्षण ऐसा आएगा कि सबकुछ पतन हो जाएगा। जब तक दुनिया दिखती है तो आत्मा नहीं दिखती और जब आत्मा दिखती है तो दुनिया नहीं दिखती। हमारे अंदर सबसे बड़ी चीज है कि हम बहुत जल्दी थक जाते हैं| थोड़ी सी समस्या आई हम किंकर्तव्य विमूढ़ हो जाते हैं, हम सोच लेते है बस हमसे ये काम होने वाला नही है, बस वही से व्यक्ति का पतन चालू है और व्यक्ति अंतिम पॉइंट तक ये सोचे कि नही, अभी एक सेकेंड बाकी है, एक सेकेंड में कुछ से कुछ हो सकता है। यदि हम प्रतिक्षण जागृत रहे तो एक दिन भाग्य को, किस्मत को भी हारना पड़ेगा। किस्मत कोई बड़ी चीज नहीं है हमें अपनी किस्मत को हराने का हौसला चाहिए| हम किस्मत के अनुसार नहीं चलेंगे, किस्मत हमारे अनुसार चलेगी, बस इतना सा परिवर्तन करना है। महा यज्ञनायक जो यज्ञ का संचालक होता है| जैसे बारात आती है तो उसका मालिक होता है, इसी प्रकार जो पूरे यज्ञ को करने वाला है, सौधर्मेन्द्र तो उसके बुलाये गए मेहमान है। किसी भी महोत्सव का जो यज्ञनायक होता है| जितने लोग इस पूजा में बैठे है सबका भाग यज्ञनायक के खाते में जाता है क्योंकि मुख्य हवन वही करेगा। भरत चक्रवर्ती से बड़ा बाहुबली होता है,क्योंकि चक्रवर्ती से भी अधिक बल था।कभी बाहुबली बनने मिले तो जरूर बनना उस समय तुम्हारी शक्ति ऐसी बढ़ेगी कि सारा तीनलोक एक तरफ खड़ा होगा और तुम अकेले होकर के भी विजय लेकर हजारो में से निकल जाओगे। क्या बनकर अर्घ्य चढ़ा रहे हो इसका महत्व है ये अर्घ्य किसके हाथ मे है। सूरिमन्त्र वही है लेकिन जब मुनिराज के मुख से निकलता है तो मूर्ति प्रतिष्ठित हो जाती है,श्रावक के मुख से नही। कोरोना में लाखों लोग मरे लेकिन मैं क्यों नही मरा क्योंकि मेरे हाथ मे लोकोदय तीर्थ में पूजा करने का सौभाग्य लिखा था। हमे पता नही क्यों कमाना है, कमाए जा रहे है बस, अपनी आगामी पीढ़ी के लिए कमा रहे तो याद रखना कि चक्रवर्ती जैसे महापुरुष के मरण या दीक्षा के तुरन्त बाद सारा खजाना, निधियां सब गायब हो जाती है, ज्योतिष कहता है वो सब पिताजी के पुण्य का था| उनके साथ चला गया। तब सोचना तुम्हारी क्या बात है। सारे भारत के जैनियो से जब कोई पूछे किसलिए कमा रहे हो तो कहना मेरे पास लोकोदय तीर्थक्षेत्र है उसके लिए कमा रहा हूँ, सन्तशाला बनाऊँगा, जिन्होंने कमाना छोड़ दिया है मैं उनके लिए कमाऊँगा।

इसके बाद शाम 5:30 से 6:30 तक मुनिश्री का विख्यात कार्यक्रम जिज्ञासा समाधान आयोजित किया गया| जिसमे भक्तों ने अपनी जिज्ञासा का गुरुवर से समाधान किया| इस विधान में देशभर के विभिन्न प्रांतों से आए हजारों भक्तों ने भाग लिया। विधान का संचालन मनोज जैन बाकलीवल ने किया| देश भर के श्रद्धालुजन गुरुवर की भक्ति में लीन थेl इस अवसर पर,प्रदीप जैन मनोज जैन बाकलीवाल नीरज जैन जिनवाणी,निर्मल मोठ्या,प्रदीप जैन शास्त्री भैया जी,पन्नालाल बैनाड़ा, हीरालाल बैनाड़ा,राजेश बैनाड़ा विवेक बैनाड़ा,राजेश सेठी,अमित जैन बॉबी, राजेश जैन,पंकज जैन,अनिल जैन शास्त्री,रुपेश जैन, नरेंद्र जैन,मीडिया प्रभारी शुभम जैन,राहुल जैन,दिलीप जैन उत्तमचंद जैन,पंकज जैन,यतीन्द्र जैन,पंकज जैन,शैलेंद्र जैन,चक्रेश जैन, उमा मोठ्या उषा मोठ्या,बीना बैनाड़ा, सोनल जैन, उषा मारसंस समस्त आगरा जैन समाज बड़ी संख्या में सम्मिलित हुएl

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